क्यों रात काली हैं..
खुदा ने जहां में यह शह डाली हैं |
क्यूँ दिन उजला हैं और रात काली हैं ||
बात यह भी पर सोचनें वाली हैं |
क्यूँ दिन उजला हैं और रात काली हैं ||
रात के बारें में,
बात बहुत बाकी हैं |
ख्वाब ही देख लो,
रात बहुत बाकी हैं ||
कभी अमावश हैं और कभी दीवाली हैं |
बात यह भी पर सोचनें वाली हैं,
क्यूँ दिन उजला हैं और रात काली हैं ||
रात में दिल के,
अरमान कई जग जाते हैं |
सुना हैं अंधेरें में,
शैतान कई जग जाते हैं ||
कभी यह शरीफ़ हैं और कभी मवाली हैं |
बात यह भी पर सोचनें वाली हैं,
क्यूँ दिन उजला हैं और रात काली हैं ||
यह तारें और चाँदनी से,
लगती हैं जैसे जन्नत हो |
टूटते तारें से माँगकर,
पूरी कर लो जो मन्नत हो ||
तारें और चाँद से मिलके ये बनती ईद वाली हैं |
बात यह पर सोचनें वाली हैं,
क्यूँ दिन उजला हैं और रात काली हैं ||
खुदा ने जहां में यह शह डाली हैं |
क्यूँ दिन उजला हैं और रात काली हैं ||
✍️ Rahul Kumar G