मेरी गुडिया



मेरी गुडिया

एक दुनिया में मैं रहता हूँ, और वो दूसरी हैं दुनिया मेरी |
हैं गुलिस्ता-सी(1) नाजुक वो, एक ऐसी हैं गुडिया मेरी ||
आफ़ताब-सी(2) चमक हैं उसमें,
सीरत(3) इतनी साफ हैं |
कर दे सौ गुस्ताख़ी(4) पर वो,
उसको सबकुछ माफ हैं ||
खोलते ही जिसे, मैं खुश हो जाता, वो जादू की हैं पुडिया मेरी |
हैं गुलिस्ता-सी नाजुक वो, एक ऐसी हैं गुडिया मेरी ||

कभी कहता हूँ गुडिया उसको,
कभी मैं आडी(5) कहता हूँ |
नही छुपाता उससे कुछ भी,
बातें मैं सारी कहता हूँ ||
मन की हर उलझन का हल हैं, वो जोडती हैं कडिया मेरी |
हैं गुलिस्ता-सी नाजुक वो, एक ऐसी हैं गुडिया मेरी ||

मुझ पर उसको यकीं हैं इतना,
शायद, जितना किसी पर नही हैं |
गर मैं कह दू कि भगवान गलत है,
तो वो कहती हाँ, बिल्कुल सही हैं ||
मैं कभी गलत नही लगता उसको, हर बात हैं बढिया मेरी |
हैं गुलिस्ता-सी नाजुक वो, एक ऐसी हैं गुडिया मेरी ||

चेहरा जैसे निसार-ए-खुदा(6) हो,
हैं टुकडा जिगर का वो |
वो परीवश(7) हैं महताब(8) हैं कोई,
नूर(9) हमारे घर का वो ||

सौ सावन की उम्र हो उसकी,
हँसती हुई हर सहर(10) हो उसकी |
तब, फ़िरदौसी(11) वो घर हो जाए,
जिस घर पर कभी महर(12) हो उसकी ||

राह-ए-जन्नत(13) उस पाकीज(14) तक, हर बार हैं मुडिया(15) मेरी ||
हैं गुलिस्ता-सी नाजुक वो, एक ऐसी हैं गुडिया मेरी ||

एक दुआ मेरी :-
    "जो इतना चाहती हैं मुझको, जो मुझपर वार जान दें |
     जैसी उसने दी हैं मुझको, बहनें ऐसी सबको भगवान दें ||"
हिन्दी अर्थ :-

1 = गुलाबों के बगीचें जैसी

2 = सूरज जैसी
3 = स्वभाव

4 = गलत
5 = घर में पुकारने वाला नाम

6 = खुदा की छवि
7 = परी जैसी

8 = चाँद
9 = रौनक

10 = सुबह
11 = स्वर्ग जैसी

12 = कृपा
13 = स्वर्ग का रास्ता

14 = निर्मल
15 = मुडता


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