माँ का प्यार (Maa Ka Pyar)
Hindi shayari
सारी उम्र वही देखा, जो तूने दिखाया मुझको।
बिछड़ तुझसे जब बढ़ा आगे तो याद आया मुझको।।
मदहोश घूमता रहा कातिल मैं तेरी अदाओं से,
आज होश में जाना तूने कितना घूमाया मुझको।।
एक वक्त था जब तेरी याद सुकून थी दिल का,
देख आज उसी सुकून ने कितना सताया मुझको।।
वो आँखे मेरी जिनमें तेरा चेहरा रहता था कभी,
आज उसी चेहरे ने सारी रात रुलाया मुझको।।
होश में भी तेरा ख्याल जाता नही जेहन से मेरे,
ना जाने तूने क्यों इतना बहकाया मुझको।।
मैं तो जा ही रहा था छोड़ के इस जहाँ को,
जाने ये कैसा इश्क़ है जो छोड़ ना पाया मुझको।।
जान-ए-राहुल तेरे इश्क़ में वो शफा अब बाकी नही शायद,
ये मेरी माँ का प्यार है जो वापस खींच लाया मुझको।।