बहनें कैसी होती हैं ..



बहनें कैसी होती हैं 

चहचहाती हैं दिन भर, खुशी ढेर सारी होती हैं I
सच कहती हैं दुनिया, बहनें बडी प्यारी होती हैं II

साथ उनके हैं कटता बचपन,
थोडा प्यार कभी थोडी अनबन I
बाल पकड़ एक दूजे के लडते,
माँ हटाए फिर भी नही हटते II

पडती कभी डाँट तो, कभी पिटाई हमारी होती हैं I
सच कहती हैं दुनिया, बहनें बडी प्यारी होती हैं II

कभी मूहँ फुलाए रहती हैं,
कभी आकर के मनाए हमकों I
जब उनको हँसता देखे हम तो,
भूल जाते सारे गम को II

कभी चुडैल, कभी डायन, कभी जान हमारी होती हैं I
सच कहती हैं दुनिया बहनें बडी प्यारी होती हैं II

उसकी एक खुशी के खातिर,
हम कुछ भी कर जाते हैं I
उसको सिर्फ हँसाने को हम,
क्या क्या ढ़ोंग रचाते हैं II

कभी-कभी तो उसकी भी, फरमाईश न्यारी होती हैं I
सच कहती हैं दुनिया, बहनें बडी प्यारी होती हैं II

जब घर में रहती हैं, तो
घर खुशियों से भर देती हैं I
पर जब छोड़ के जाती, तो
घर सूना वो कर देती हैं II

लेकिन फिर यूँ देख के उनको, आँखें भारी होती हैं I
सच कहती हैं दुनिया, बहनें बडी प्यारी होती हैं II

बचपन से भाई बहनों में,
खूब ही झगड़ा होता हैं I
जब विदाई उसकी होती तो,
हर भाई बहुत ही रोता हैं II

किसी और की हो जाती, जो दुनिया हमारी होती हैं I
सच कहती हैं दुनिया, बहनें बडी प्यारी होती हैं II

हर पर्व हर त्यौहार पर,
इंतजार उसी का होता हैं I
राखी के दिन आएगी वो,
हर भाई ये ख्वाब संजोता हैं II

राखी नही उससे मिलने की, ये सब तैयारी होती हैं I
सच कहती हैं दुनिया, बहनें बडी प्यारी होती हैं II

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1 Comments
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Ajaybalmiki said…
Jitni bar pdu utna kam he esa lagta he jese is kavita me ham he.