कुछ लिखते हैं !




कुछ लिखते हैं !

चलो कुछ लफ्ज़ लिखते हैं, कुछ ख्वाब लिखते हैं।
 कुछ और बातें आज, लाजवाब लिखते हैं।।

 कुछ दूर लिखते हैं, कुछ पास लिखते हैं।
कुछ सही लिखते हैं, और कुछ बकवास लिखते हैं।।

 कुछ जोड़कर लिखते हैं, कुछ हिसाब लिखते हैं।
 कुछ अल्फाज लिखते हैं, या किताब लिखते हैं।। 

कुछ अश्क लिखते हैं, कुछ बरसात लिखते हैं।
 कुछ पलकों में छुपी हुई, बात लिखते हैं।।

 कुछ दर्द लिखते हैं, कुछ मुस्कुराहट लिखते हैं।
 कुछ तेरे कदमों की, हम आहट लिखते हैं।।

 कुछ कतरा लिखते हैं, कुछ खून लिखते हैं।
 कुछ प्यार में इसको, एक जुनून लिखते हैं।।

 कुछ भीड लिखते हैं, कुछ तन्हाई लिखते हैं।
 कुछ दर्द में इसको, बेवफाई लिखते हैं।।

 कुछ कमजोर लिखते हैं, कुछ घायल लिखते हैं।
 कुछ आशिकों को यूं ही, पागल  लिखते हैं।।

 कुछ नाम लिखते हैं, कुछ बदनाम लिखते हैं।
 कुछ छुपकर लिखते हैं, कुछ सरेआम लिखते हैं।। 

कुछ नशा लिखते हैं, कुछ शराब लिखते हैं।
 कुछ जरा लिखते हैं, कुछ बेहिसाब लिखते है।।

 तेरे लिए ही हम, यह पैगाम लिखते हैं।
 जर्रा जर्रा अपना, तेरे नाम लिखते हैं,
तेरे नाम लिखते हैं, तेरे नाम लिखते हैं।।
               ✍️Rahul Kumar G..... 

Post a Comment

1 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Ajaybalmiki said…
Likhte he pegam ham bhi unki yad me akhirkar hamko bhi badal dala unki judai ne.