कोशिश करेंगे हम
जानते हैं इस बात से पल पल मरेगें हम |
तुझे भूलना मुश्किल हैं,पर कौशिश करेगें हम ||
तू गई जिदंगी से, तो
लगता सब कुछ छूट गया हैं |
मिट गई हर ख्वाँहिश,
लगता रब ही रूठ गया हैं ||
जो जगह हैं तेरी दिल में, उसे कैसे भरेगें हम |
तुझे भूलना मुश्किल हैं, पर कौशिश करेगें हम ||
तेरी जगह किसी और को
कैसे दे पाएगें |
तुझे भूल किसी और के संग,
कैसे रह पाएगें ||
अब किसी और से महोब्बत, करने से डरेगें हम |
तुझे भूलना मुश्किल हैं, पर कौशिश करेगें हम ||
आज भी तेरे प्यार का,
वो दरिया बह रहा हैं |
जर्रा-जर्रा तेरे प्यार की,
गवाही दे रहा हैं ||
इस बहाव के उल्टा, बता कैसे तरेगें हम |
तुझे भूलना मुश्किल हैं, पर कौशिश करेगें हम ||
तन्हाई में तेरी यादों से,
आजकल यूँ मिल रहे हैं |
आँखें बरस रही हैं, हम
लबों को सिल रहे हैं ||
बहती रहेगी आँखें और यूँ ही झरेगें हम |
तुझे भूलना मुश्किल हैं पर कौशिश करेगें हम ||
दुनिया तो तेरे प्यार को,
बेवफाई कहती हैं |
तुझे जालिम खुदगर्ज और,
हरजाई कहती हैं ||
जुबां पर इन अल्फाजों को कैसे धरेगें हम |
तुझे भूलना मुश्किल हैं पर कौशिश करेगें हम ||